SAMPLE QUESTION PAPER
CBSE Class-IX
Summative Assessment-I: 2011
Subject – Hindi (B)
खण्ड ‘क’
प्रश्न 1. अपठित गद्यांश अंक 5
परिश्रम उन्नति का द्वार है। मनुष्य परिश्रम वेफ सहारे ही जंगली अवस्था से वर्तमान
विकसित अवस्था तक पहुँचा है। उसी वेफ सहारे उसने अन्न, वस्त्रा, घर, मकान, भवन,
बाँध्, पुल, सड़वेंफ बनाईं। तकनीक का विकास किया, जिसवेफ सहारे आज यह जगमगाती सभ्यता
चल रही हैं। परिश्रम वेफवल शरीर की व्रिफयाओं का ही नाम नहीं हैं। मन तथा बु(ि से
किया गया परिश्रम भी परिश्रम कहलाता है। हर श्रम में बु(ि तथा विवेक का पूरा योग
रहता है। परिश्रम करने वाला मनुष्य सदा सुखी रहता है। परिश्रमी व्यक्ति का जीवन
स्वाभिमान से पूर्ण होता है, वह स्वयं अपने भाग्य का निर्माता होता है। उसमें
आत्म-विश्वास होता है। परिश्रमी किसी भी संकट को बहादुरी से झेलता है तथा उससे
संघर्ष करता है ।परिश्रम कामध्ेनु है जिससे मनुष्य की सब इच्छाएँ पूरी हो सकती हैं।
मनुष्य को मरते दम तक परिश्रम का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। जो परिश्रम वेफ वक्त इन्कार
करता है, वह जीवन में पिछड़ जाता है।
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर सही विकल्प को चुनकर लिखिए
a. वर्तमान विकसित अवस्था तक मनुष्य वैफसे पहुँचा ? 1
(i) अन्न उपजा कर
(ii ) ध्न व बुद्ध् िवेफ बल पर
(iii) परिश्रम कर
(iv) सुखों को भोग कर
b. मन और बुद्ध् िद्वारा किया जाने वाला कार्य कहलाता है ? 1
(i) चतुरता
(ii) विश्राम
(iii)विवेक
(iv) परिश्रम
c. परिश्रमी व्यक्ति वेफ गुण हैं? 1
(i) आत्मविश्वासी, स्वाभिमानी, संघर्षी एवं स्वयं का भाग्य-निर्माता
(ii) स्वाभिमानी, संघर्षी, दयालु एवं चरित्रावान
(iii) स्वयं का भाग्य-निर्माता, आत्मविश्वासी एवं दयालु
(iv) चरित्रावान, आत्मविश्वासी, भाग्यवादी, सत्यवादी
d. परिश्रम को ‘कामध्ेनु’ कहने का क्या आशय है ? 1
(i) सारी बाधओं को दूर करना
(ii) सारी परिस्थितियों को बदलना
(iii) सारी इच्छाओं को दबाना
(iv) सारी मनोकामनाओं को पूरा करना

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